पीड़ित के पिता ने कहा- जिसे बेटा समझकर घर आने दिया, उसी ने बेटी का रेप कर ब्लैकमेल किया

महज दो दिन पहले जमानत पर छूटे गैंगरेप के आरोपियों ने गुरुवार तड़के पीड़ित लड़की को जिंदा जला दिया। लड़की की हालत बेहद नाजुक है। वह 90% तक जल गई है और उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाया गया। घटना के बाबत लड़की के पिता ने बताया कि जिसे बेटा समझकर घर आने की इजाजत दी थी, उसी ने बेटी के साथ दुष्कर्म किया और फिर वीडियो बना डाले। बाद में इन वीडियो के दम पर बेटी के साथ जबरदस्ती करता रहा।


पिता की जुबानी पूरी कहानी...
ये पूरा मामला सालभर पहले शिवम के घर आने-जाने से शुरू हुआ था। उसने मेरी बेटी को पहले फंसाया फिर एक दिन रायबरेली ले गया। वहां उसने मेरी बेटी से दुष्कर्म किया और मोबाइल से वीडियो बना लिया। फिर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर वह बेटी को ब्लैकमेल करने लगा। उसने बेटी को मानसिक यातना दी। शिवम मेरे गांव का ही बच्चा है, भरोसे में हमने उसे अपने घर आने दिया था। शिवम एक दिन बेटी को लेकर भाग गया और 2 महीने तक रायबरेली में रहा। इसके बाद बेटी को घर छोड़ गया। जब हम लोगों को सारी बात पता चली तो हमने शादी के लिए कहा। लेकिन, मामला सुलझाने की बजाय वे लोग हमें ही धमकाने लगे। शिवम बेटी पर नजर रखता था, घर से अकेले बाहर भी नहीं जाने देता था। मारपीट करता था और जबरदस्ती भी। कई बार जान से मारने की धमकी तक दी। तंग आकर मेरी बेटी अपनी बुआ के घर रायबरेली चली गई। शिवम को जब इस बारे में पता चला तो वह वहां भी पहुंच गया। उसने मेरी बेटी को शादी का झांसा देकर विश्वास में लिया फिर अपने साथियों के साथ असलहे के दमपर गैंगरेप किया और भाग गया। इस दिन के बाद बिटिया टूट गई थी। उसने सारी बात बुआ को बताई। हमने रायबरेली थाने में शिकायत की, पर सुनवाई नहीं हुई। एसपी के पास डाक से शिकायत दर्ज कराई, तब भी कुछ नहीं हुआ। बहुत दौड़-भाग के बाद 5 मार्च 2018 को एफआईआर दर्ज हो पाई थी।


गैंगरेप के मामले में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दो आरोपियों शिवम और शुभम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे दोनों जेल में थे। 3 दिसंबर को जब वे जमानत पर बाहर आए तो पीड़िता को जला दिया। इस मामले में पुलिस ने शिवम, उसके पिता रामकिशोर, शुभम, हरिशंकर और उमेश बाजपेयी को गिरफ्तार किया।